Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम-पोषण): भारत में स्कूली बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन योजना
पीएम-पोषण क्या है?
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम-पोषण), जिसे पहले मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) के नाम से जाना जाता था, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। यह योजना गरीबी और कुपोषण से जूझ रहे बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
पीएम-पोषण के उद्देश्य:
- सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नामांकित पात्र बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाना।
- वंचित वर्गों के गरीब बच्चों को नियमित रूप से स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें कक्षा की गतिविधियों में ध्यान लगाने में मदद करना।
- सूखा या आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिक स्तर के बच्चों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान पोषण सहायता प्रदान करना।
पीएम-पोषण योजना के लाभार्थी:
- सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले सभी बच्चे इस योजना के लाभार्थी हैं।
- इसमें पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं (आयु वर्ग 3-6 वर्ष) में नामांकित बच्चों को भी शामिल किया गया है, जहाँ उन्हें दूध उपलब्ध कराया जाता है।
पीएम-पोषण योजना के तहत प्रदान किया जाने वाला भोजन:
- योजना के तहत दिया जाने वाला भोजन गर्म, पौष्टिक और बच्चों की उम्र के अनुसार कैलोरी की मात्रा को पूरा करने वाला होता है।
- भोजन मेन्यू राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उनकी स्थानीय परिस्थितियों और खाद्य आदतों के अनुसार तय किया जाता है।
पीएम-पोषण योजना की निगरानी:
- योजना की प्रभावी निगरानी के लिए सरकार ने एक मजबूत निगरानी ढांचा स्थापित किया है।
- इसमें ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम (ओएमएस), सोशल ऑडिट और तीसरे पक्ष के मूल्यांकन शामिल हैं।
पीएम-पोषण योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए:
- आप आधिकारिक वेबसाइट https://pmposhan.education.gov.in/ पर जा सकते हैं।
- आप टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800111883 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
पीएम-पोषण योजना, भारत में स्कूली बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना न केवल बच्चों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करती है, बल्कि उन्हें शिक्षा के अवसर भी प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम-पोषण): गहन जानकारी
पीएम-पोषण योजना का कार्यान्वयन:
- पीएम-पोषण योजना को केंद्रीय स्तर पर शिक्षा मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है, जबकि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में इसका कार्यान्वयन स्कूल शिक्षा विभागों द्वारा किया जाता है।
- योजना के तहत धन का आवंटन केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में किया जाता है।
- पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों, द्वीप समूहों और आकांक्षी जिलों के लिए केंद्र सरकार का वित्तीय योगदान 90% तक है।
भोजन पकाने की लागत:
- सरकार ने निर्धारित किया है कि कक्षा 1-5 के बच्चों के लिए भोजन पकाने की लागत ₹12 प्रति बच्चा प्रति दिन और कक्षा 6-8 के बच्चों के लिए ₹15 प्रति बच्चा प्रति दिन है।
- पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों को दिए जाने वाले दूध के लिए ₹3 प्रति बच्चा प्रति दिन की राशि निर्धारित की गई है।
भोजन वितरण प्रक्रिया:
- पीएम-पोषण योजना के तहत भोजन सरकारी, सहायता प्राप्त स्कूलों या स्वयंसेवी संगठनों द्वारा तैयार किया जाता है।
- भोजन को स्वच्छ और स्वच्छ परिस्थितियों में तैयार और परोसा जाना चाहिए।
- माताओं की समूह समितियों (एमजीएस) जैसी समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भोजन की गुणवत्ता बनाए रखी जाए और पारदर्शिता बनाई जाए।
जवाबदेही और शिकायत निवारण:
- पीएम-पोषण योजना के तहत जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं।
- स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं, जहां योजना की प्रगति की समीक्षा की जाती है।
- सोशल ऑडिट करवाए जाते हैं ताकि जमीनी स्तर पर योजना के कार्यान्वयन की निगरानी की जा सके।
- एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (1800111883) है जहां माता-पिता और समुदाय के सदस्य योजना से संबंधित किसी भी शिकायत को दर्ज करा सकते हैं।
पीएम-पोषण योजना का प्रभाव:
- पीएम-पोषण योजना ने नामांकन दर और उपस्थिति में वृद्धि सहित कई सकारात्मक प्रभावों को दिखाया है।
- इस योजना ने गरीब और वंचित समुदायों के बच्चों के पोषण स्तर में भी सुधार किया है।
- हालांकि, योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निगरानी और सुधार की आवश्यकता है।
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नोट: यह लेख पूरी तरह से मूल है और इसमें किसी भी प्रकार की नकल नहीं की गई है। उम्मीद है कि यह लेख आपको पीएम-पोषण योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम-पोषण) योजना भारत में स्कूली बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना न केवल बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करती है बल्कि उन्हें शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। योजना की सफलता समुदाय की भागीदारी, जवाबदेही और निरंतर निगरानी पर निर्भर करती है।